दुर्मिल सवैया

दुर्मिल सवैया

बइला कस रोज बुता करके,बइपार करे बर तानस जी।
तिसना करके थइला भरके,पइसा ल सही प्रभु मानस जी।
हिजगा करके बइला मनखे,अँगना पर के बड़ खानस जी।
कतको धन जोड़ डरे,अउ दान करे ल कभू नइ जानस जी।

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