कुण्डलिया छंद

                   कुण्डलिया छंद

दोसी हावय कोन अब,जलके होगे खाख ।
कतको लइका आज गा,कोचिंग मा नइ साख ।।
कोचिंग मा नइ साख,मौत के बनगे सेंटर,
जरके मरिस अतेक,रहीगे देखत मेंटर ।
खो दिस बेटा फेर,अकेल्ला होगे मोसी,
गिरगे दुख के गाज,कोन हे एकर दोसी ।

Comments

Popular posts from this blog

महाशिवरात्रि

बरवै छंद