दोहा छंद-अपन परिचय

मोर नाँव जीतेन्द्र हे,रथँव सांगली गाँव ।
ददा जगेशर राम हे,माँ के चम्पा नाँव ।।1

दू झन लइका मोर गा,दूनो टूरा ताय ।
अब्बड़ हे अतलंगहा,तब्भो जिया लुभाय ।।2

तरिया नरवा तीर मा,खेत खार घर द्वार ।
बोथँव भाजी चेंच गा,बेचँव कँवर बजार ।।3

बनी भूति करथँव कभू,गाँव शहर मा खोज  ।
तब्भे मिलथे पेट भर,पानी पसिया रोज ।।4

दोहा रोला छंद मा,रचथँव रचना रोज ।
करथँव हिरदै भीतरी,नवा ग्यान के खोज ।।5

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