शंकर छंद

शंकर छंद

जब ले आ हे हार्वेस्टर हा,लुये अब्बड़ धान।
लउहा होथे काम-बुता हा,जान डरिन किसान।
एक डहर हे बिकट फायदा,आन हे नुकसान।
बिन रोजी बनिहार रहय गा,अबड़ के परसान।

Comments

Popular posts from this blog

कुण्डलिया छंद

महाशिवरात्रि

बरवै छंद