रूपमाला छंद
सब जिनिस के भाव बढ़गे,देश रोवय आज।
तोर सेती ए करोना,रूकगे सब काज।।
काम बिन नइये ग पइसा,का बिसाही साग।
घोर कँगला के कसम से,फूटगे अब भाग।।
बर बिहा के काम टरगे,बाप हे परसान।
सेठ करले ब्याज मा जी,चार पइसा लान।।
ब्याज बाढ़े काज माढ़े,खर्च पइसा होय।
बाप चिन्ता मा जरे जब,देख बेटी रोय।।
खेत सुन्ना खार सुन्ना,गाँव मा सब खोर।
जब पड़िस डंडा पुलिस के,घर खुसर करजोर।।
देश आने कोन घूमिस,जेन हे धनवान।
फेर जब्बर मार खाइस,जे बनिस नादान।।
अब सबो टरगे परीक्षा,छात्र झन कर नाज।
लेय जिनगी हा परीक्षा,कर्म सुग्घर साज।।
नानकुन ए वायरस हा,कर डरिस बड़ हीन।
फेर कोनो झन मरय जी,खोज अब वैक्सीन।।
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