हरिगीतिका छंद

हरिगीतिका छंद

अब जान लव ये राज ला सब,साफ रखिहौ गाँव ला।
कचरा ल कूड़ादान मा रख,याद रख लव ठाँव ला।।
सब रोग-दुरिहा भागही जी,चार पइसा बाँचही।
बीमार नइ पड़हू त संगी,कोन काबर जाँचही।।

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