दोहा

लिखथस भइया तै बने ,बढ़िया दोहाकार ।
अमित कन्हैया गुरु हमर,सबके दोष सुधार ।।

माने हँव मैं गुरु अपन,चेला मोला मान ।
टिकरीवाला हर लिखय,जानैं छंद विधान ।।

साधक बनके साधना,छन्द विधा मा जोर ।
अरुण निगम के हाथ मा,नव साधक के डोर ।।

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