दोहा छंद

दोहा छंद

विषय-हरेली के बेरा,किसान के पीरा

अब किसान के पीर ला,देखत हावय कौन।
दर्रा हाने खेत ला,देख किसनहा मौन।।

कहाँ बियासी खेत मा,होहे संगी आज।
बिन पानी के हे परे,खेती के सब काज।।

बम्हरी काँटा ले भरे,जम्मों धनहा खेत।
निंदई बिना किसान के,होगे चेत-बिचेत।।

नाँगर-बइला फाँद के,देखे गगन किसान।
बोले हरदम खेत मा,बरसा कर भगवान।।

परब हरेली आज हे,सुग्घर खुशी मनाय।
जम्मों दुःख भुलाइके,जिनगी अपन पहाय।।

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