ताटंक छंद

ताटंक छंद 

लहर लहर लहराय तिरंगा,ए भारत के माटी मा।
राष्ट्रगान सब गावै मनखे,गाँव गली हर घाटी मा।।

सरग सहीं अब लागे संगी,भारत के चारों कोती।
याद करँय बलिदानी मन ला,जलै अमर दीया जोती।।

भारत माँ के रक्षा खातिर,होइन बड़ बलिदानी जी।
अंग्रेजन सन लड़त-लड़त गा,खो दिन अपन जवानी जी।।

अपन लहू ले लिखिन संग मा,मिलके नवा कहानी जी।
खुदीराम अउ भगत वीर के,नइ हे कोनो सानी जी।।

भारत माता गदगद होगे,पाके अइसन बेटा जी।
रण मा दाई के अँचरा ला,गर मा डारिन फेंटा जी।।

हाँसत-हाँसत चढ़गे सूली,कतको रिहिन अगोरा मा।
भारत माँ के योद्धा बेटा,आजादी के जोरा मा।।

जीतेन्द्र निषाद "चितेश"

Comments

Popular posts from this blog

कुण्डलिया छंद

महाशिवरात्रि

बरवै छंद