हरिगीतिका छंद

हरिगीतिका छंद

हे नौकरी मा मीत हा,भुलगे मितानी ला हमर।
बरसत हवय रुपया ह बड़,सच मा दिखावत हे असर।।
अतका चिन्हैं नइ मीत हा,आघू म रहिके मीत ला।
भुलगे किसनहा जान के,जोहार के सब रीत ला।।

Comments

Popular posts from this blog

कुण्डलिया छंद

महाशिवरात्रि

बरवै छंद