सरसी छंद

                    सरसी छंद (16-11)

दिनभर चारी करथस बिन्दा, गली गली मा रोज ।
का सोना का चाँदी मिलथे,नइ बोलस तैं सोज ।।1

राम नाम मा ध्यान लगाले, बनही बिगड़े काम ।
परनिन्दा मा घलो रात मा, मिले नहीं आराम ।।2

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