दोहा छंद

दाई बाबू रोज के,खावै बासी पेज ।
बाई बुध मा देय बर,बेटा करे गुरेज ।।

ये जिनगी अनमोल हे,दया-मया झन छोड़ ।
मँदरस बानी बोल के,सबले नाता जोड़ ।।


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