रोला छंद

                   रोला छंद

आलू छाँट निमार,हाट ले लावौ ताजा,
आरुग अच्छा साग,हरे ए सब्जी राजा ।
नइये निमगा आज,खेत मा छींचे महुरा,
जैविक खेती छोड़,लोभ मा मनखे बहुरा ।।

गोबर खातू डार,खेत मा सबले जादा,
नइ होवय नुकसान,रही धरती हा सादा ।
मनखे गे हे भूल,आज अब कोन बतावैं,
दवई-दारू छींच,फसल जम्मों उपजावैं ।।

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