अमृतध्वनि छंद

              अमृत ध्वनि छंद

पढ़ -लिख के संगी कभू,झन घूमव बेकार ।
काम करव कुछु रोज के,मिलही पइसा चार ।।
मिलही पइसा,गाँव-गली मा,खेत-खार मा ।
काम करे ले,हवय फैक्टरी,नहर पार मा ।
बड़े शहर मा,सबो डहर हे,सइकिल मा चढ़ ।
धरके बासी,काम करे बर,कतको लिख-पढ़ ।

Comments

Popular posts from this blog

कुण्डलिया छंद

महाशिवरात्रि

बरवै छंद